सर झुकाकर, जी मालिक बोलकर खड़ा हो जाता है ... ऐसा कबाली समझा है क्या ... कबाली है यह !
फिल्म:कबाली (2016)
झुण्ड में तो सुअर आते हैं ... शेर अकेला ही आता है
फिल्म:शिवजी: द बॉस(2007)
आज सन्डे है, तो दारू पीने का दिन है
फिल्म:चालबाज़ (1989)
कानून इतना मैला है ... कि उसे अपने हाथ में लेकर मैं अपना हाथ गन्दा करना चाहता भी नहीं
फिल्म:अंधा कानून (1983)
शरीफों को लूटना बेईमानी होती है ... और बेईमानों को लूटना चालाकी
फिल्म:असली नकली (1986)
समंदर के किनारे रहने वाले नदियों से नहीं डरते ... और न कीचड में पलने वाले खून के छीटों से भागते हैं
फिल्म:आतंक ही आतंक (1995)
हर पैदा होने वाले को मरते वक़्त कफ़न पहनना पड़ता है ... वैसे ही हर काले धंदे करने वाले को हथकड़ी पहननी पड़ती है
फिल्म:गिरफ्तार (1985)
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