कुत्ते की तरह जीने की आदत पड़ी है सबको
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
अपना तो उसूल है ... पहले लात, फिर बात, उसके बाद मुलाक़ात
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
साले अपने खुद के देश में एक सुई नहीं बना सकते ... और हमारा देश तोड़ने का सपना देखते हैं
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता है!
Film: Yeshwant
Dialogue: Nana Patekar
यह मुसलमान का खून ये हिन्दू का खून ... बता इस में मुसलमानों का कौन सा हिन्दू का कौन सा, बता!
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
भगवान का दिया हुआ सब कुछ है ... दौलत है, शोहरत है, इज़्ज़त है
Film: Welcome Back
Dialogue: Nana Patekar
गिरो सालो गिरो, लेकिन गिरो तो उस झरने की तरह ... जो पर्बत की ऊँचाई से गिरके भी अपनी सुंदरता खोने नहीं देता ... ज़मीन के तेह से मिलके भी अपनी अस्तित्व को नार्थ नहीं होने देता
Film: Yeshwant
Dialogue: Nana Patekar
यह तो लाल मिर्च है तीखी तीखी ... हाथ लगाओ तो हाथ जले ... मूह लगाओ तो मूह जले ... दिल लगाओ तो दिल जले
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
मरता मरता है यह मारता है
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
ऊपर वाला भी ऊपर से देखता होगा तो उसे शर्म आती होगी ... सोचता होगा मैंने सबसे खूबसूरत चीज़ बनायीं थी, इंसान ... नीचे देखा तो सब कीड़े बन गए ... कीड़े!
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
तुझे ऐसी मौत मारूंगा ... की तेरी पापी आत्मा अगले सात जनम तक, किसी दूसरे शरीर में घुसने के पहले कांप उठेगी
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
यह शरीफ लोग बहुत बदमाश होते है ... शराफत की जुबां नहीं समझते है
Film: Welcome
Dialogue: Nana Patekar
जान मत माँगना ... इसकी बाजार में कोई कीमत नहीं है
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
सौ में से अस्सी बेईमान ... फिर भी मेरा देश महान
Film: Yeshwant
Dialogue: Nana Patekar
कौन सा कानून, कैसा कानून ... यह कानून तो चाँद मुजरिमों की रखैल बन बैठा है
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
यह दुख नाम की बीमारी का इलाज किसी डॉक्टर के पास भी नहीं ... इसका इलाज खुद ढूंढना पड़ता है ... दुख को भूलना पड़ता है
Film: Parinda
Dialogue: Nana Patekar
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो ... कैसे बताऊँ मैं तुम्हे तुम धड़कनों का गीत हो, जीवन का तुम संगीत हो, तुम ज़िन्दगी, तुम बन्दगी, तुम रोशनी, तुम ताजगी, तुम हर खुशी, तुम प्यार हो, तुम प्रीत हो, मनमीत हो ... आँखों में तुम, यादों में तुम, साँसों में तुम, आहों में तुम, नींदों में तुम, ख्वाबों में तुम ... तुम हो मेरी हर बात में, तुम हो मेरे दिन रात में, तुम सुबह में, तुम श्याम में, तुम सोच में, तुम काम में ... मेरे लिए पाना भी तुम, मेरे लिए खोना भी तुम, मेरे लिए हसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम और जागना सोना भी तुम ... जाऊं कहीं, देखो कहीं, तुम हो वहां, तुम हो वहीँ ... कैसे बताऊँ मैं तुम्हे तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं ... कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
Film: Wajood
Dialogue: Nana Patekar
धंधे में कोई किसी का भाई नहीं, कोई किसी का बेटा नहीं
Film: Parinda
Dialogue: Nana Patekar
उसने रुलाया है ... वही हसायेगा
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
एक खटमल पूरी रात को अपाहिज कर देता है
Film: Yeshwant
Dialogue: Nana Patekar
सच्चे पुलिस की या तो मौत होती है ... या तो ससपेंड किया जाता है
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
डेस्टिनी बहुत बेरहम होती है ... यह अपने दोस्तों से मुंह फेरने पर और दुश्मनों से बात करने पर मजबूर कर देती है
Film: Wajood
Dialogue: Nana Patekar
हम सब सिस्टम का हिस्सा है ... सिस्टम डिसाइड करता है, अपुन फॉलो करता है
Film: Ab Tak Chhappan
Dialogue: Nana Patekar
पन्द्र सौ की नौकरी करने वाला ... एक दिन तुझे डेढ़ सौ का कफन पहनायेगा
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
हम भले ही ऊपर वाले को अलग अलग नाम से पुकारते है ... लेकिन हमारा धर्म एक है मजहब एक है ... इंसानियत
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
ऊपर वाले ने इंसान के शरीर में नौ छेद किये है ... दो कान के, दो नाक के, दो आँख के, एक मूह का ... बाकी के दो तू जानता है .... सपने में भी गलत सोचा न, दुस्वा छेड़ कर दूंगा
Film: Ab Tak Chhappan 2
Dialogue: Nana Patekar
अपने साथ काम करना है तो उससे इम्तिहान में तोह बैठना ही पड़ेगा
Film: Parinda
Dialogue: Nana Patekar
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो ... यह जो तुम्हारा रूप है, यह ज़िन्दगी की धूप है ... चन्दन से तरसा है बदन, बहती है जिस में एक अगन ... ये शोखियाँ, ये मस्तियाँ, तुमको हवाओं से मिली, ज़ुल्फ़ें घटाओं से मिली ...भूतों में कलियाँ खिल गयी, आँखों को झीले मिल गयी ... चेहरे में सिमटी चाँदनी, आवाज में है रागिनी ... शीशे के जैसा अंग है, फूलों के जैसा रंग है, नदियों के जैसी चाल है, क्या हुस्न है, क्या हाल है ... यह जिस्म की रंगीनियां, जैसे हज़ारों तितलियाँ, बाहों की यह गोलियां, आँचल में ये परछाइयाँ ...यह नगरियां है ख्वाब की, कैसे बताऊं मैं तुम्हे हालत दिल-इ-बेताब की ... यह नगरिया है ख्वाब की, कैसे बताऊं मैं तुम्हे हालत दिल-इ-बेताब की ... कैसे बताऊँ मैं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
Film: Wajood
Dialogue: Nana Patekar
राजनीति में हमेशा जीत को मान मिलता है
Film: Raajneeti
Dialogue: Nana Patekar
भाई मत बोल ... इमोशनल हो जाता हूँ मैं
Film: Bluffmaster
Dialogue: Nana Patekar
यह दिल्ली बस मूह है इसलिए बटर-बटर करती रहती है ... यह करना है, यह होना चाहिए, हम में दिखाना है .. बस दिल को तसल्ली देने के लिए अच्छा लफ्ज़ है दिल्ली
Film: Tirangaa
Dialogue: Nana Patekar
दुनिया में दो ही चीजों की कीमत है ... एक ज़मीनों की, दूसरी कमीनो की
Film: Welcome Back
Dialogue: Nana Patekar
बीवी भी एक अजीब तरह की पहली है ... साल भर में को परेशान करके जीने नहीं देती ... और करवा चौथ का व्रत रख के मरने नहीं देती
Film: Welcome Back
Dialogue: Nana Patekar
यह मेरा पसीना नहीं मेरा खून है जो पानी बनकर बहता है मेरे बदन से
Film: Yeshwant
Dialogue: Nana Patekar
तुम्हारे नापाक कदम आगे मत बढ़ाओ ... तोड़कर तुम्हारे गले में पहना देंगे
Film: Krantiveer
Dialogue: Nana Patekar
मौत से बढ़कर कोई दोस्त नहीं है ... हमेशा मेरे साथ चलती है
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
बेहतर है तू अपना इरादा बदल दे ... नहीं तो मैं तेरा नक्शा बदल दूंगा
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
तू अपने करोड़ पे, मैं अपने रोड पे ... मजे करेंगे
Film: Taxi No. 9211
Dialogue: Nana Patekar
फाॅर्स किसी के बाप की जागीर नहीं है ... फाॅर्स की अपनी एक डिग्निटी है ... उस डिग्निटी को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है
Film: Ab Tak Chhappan 2
Dialogue: Nana Patekar
तुम लोग सोसायटी का कचरा है ... मैं सोसायटी का जमादार
Film: Ab Tak Chhappan
Dialogue: Nana Patekar
साला खुद मरना है तोह मर्र न ... दुसरे की काइको वाट लगाता है
Film: Taxi No. 9211
Dialogue: Nana Patekar
औरतों पर कभी यकीन मत करना ... मर्दों के लिए वह मौत होती है ... क़ुबूल करे तो शौहर बनाकर मारती है ... ठुकरा दे तो दीवाना बनकर
Film: Wajood
Dialogue: Nana Patekar
एक फौजी के लिए हर लम्हा, हर सामना ... एक लड़ाई है
Film: Wajood
Dialogue: Nana Patekar
सीनियर ऑफिसर्स है न मौसम की तरह होते हैं ... बदलते रहते है
Film: Ab Tak Chhappan
Dialogue: Nana Patekar
हर कोई सुबह निकलता है सोच के की आज कुछ अच्छा होगा ... रात तक बस बूच अच्छा बेहेता है
Film: Taxi No. 9211
Dialogue: Nana Patekar
पांच दस पंद्रह करोड़ पैसे की कोई फिक्र नहीं है ... इमेज ... इमेज का फलूदा कर दिया, वाट लगाई तूने
Film: Bluffmaster
Dialogue: Nana Patekar
आज कल तो दो ही लोगों को काम मिलता है ... जो बहुत नीचे है, मजदूरी करते है ... या तो बहुत ऊंचे है ... इस जैसे बीच वाले लोगों का हाल तो बीच वालों जैसा हो गया है ... ताली बजाओ और पैसा मानगो
Film: Ankush
Dialogue: Nana Patekar
इस बम्बई शहर में झगड़ा करने से सर फूटे न फूटे ... लेकिन मोहब्बत करने से दिल टूटने का गरानटी
Film: Raju Ban Gaya Gentleman
Dialogue: Nana Patekar
इस देश के गद्दारों को अंजाम तक पहुँचाना ... यही मेरी ज़िंदगी का मक़सद है
Film: Kohram
Dialogue: Nana Patekar
एक मंदिर का दिया भी तेरे को तवायफ के कोठे की लाल बत्ती लगता है
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
संडे के बाद मंडे, रुपये के चार अंडे ... खाये किसी और ने डंडे, अब राज कर रहे है मुश्तंडे
Film: Raju Ban Gaya Gentleman
Dialogue: Nana Patekar
दुनिया में सबसे ज्यादा रिस्पेक्ट करता हूँ मैं अपनी ... आरती उतारता हूँ रोज़ खुद की
Film: Bluffmaster
Dialogue: Nana Patekar
यादें अंत में किसका हाथ पकड़कर जाती है मालूम? ... मौत का
Film: Yatra
Dialogue: Nana Patekar
मैं तो लावारिस था, लेकिन मेरे मरने के बाद मेरी लाश लावारिस नहीं होगी
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
ज़िन्दगी का हर पल आखिरी समझ कर जीना चाहिए ... तब ज़िन्दगी का असली मज़ा आता है
Film: Wedding Anniversary
Dialogue: Nana Patekar
किसी भी कहानी में या उपन्यास में ... अपनी ज़िन्दगी का अनुभव और तजुर्बे का रिफ्लेक्शन दिखता जरूर है
Film: Yatra
Dialogue: Nana Patekar
हमरे बाद महफ़िल में अफ़साने बयान होंगे ... बहारें हमको ढूंढेंगी, न जाने हम कहाँ होंगे
Film: Tarkieb
Dialogue: Nana Patekar
दुनिया बहुत छोटी है ... यहाँ कोई ऐसी जगह नहीं, जहाँ तुम मुझसे चुप सको
Film: Agni Sakshi
Dialogue: Nana Patekar
हमारे हाथों में इतनी हरारत है ... की किसी भी जिस्म को तराशकर ताज महल बना दे ... और उन्हीं हाथों में इतना बारूद ठूसा है ... के मज़बूत से मज़बूत किले को भी तोड़ दे
Film: Wajood
Dialogue: Nana Patekar
फटे हुए जूते के छेद से उस पार देखोगे न, हकीकत नज़र आएगी ... जूता बड़ा दुनिया छोटी नजर आएगी ... किस्मत फट के हाथ में आ जाएगी
Film: Raju Ban Gaya Gentleman
Dialogue: Nana Patekar
ट्रेलर अक्सर अच्छा होता है ... फिल्म बकवास निकलती है
Film: Bluffmaster
Dialogue: Nana Patekar
कफन में जेब नहीं होती, कबर में सेफ नहीं होती और मौत के फरिश्ते रिश्वत नहीं लेते
Film: Wedding Anniversary
Dialogue: Nana Patekar
आज कल के रिश्ते इस आइस क्यूब की तरह है ... पानी में गिरे और अपना वजूद खो बेह्ते
Film: Wedding Anniversary
Dialogue: Nana Patekar
चलो रो लो ... क्यों की आज के बाद इस घर में कोई रोयेगा नहीं
Film: Ghulam-E-Musthafa
Dialogue: Nana Patekar
साले तेरी आँखें बहुत बोलती है ... गाली दे रही है
Film: Bluffmaster
Dialogue: Nana Patekar
It's not my hobby ... it's my passion
Film: Paathshaala
Dialogue: Nana Patekar
What you perceive is your reality, what I perceive is my reality ... there is no reality as such ... there are only perceptions
Film: Ab Tak Chhappan 2
Dialogue: Nana Patekar
best information
ReplyDelete