Friday, July 10, 2020

Amitabh Bachchan Hindi Film Dialogue ~ Filmy Quotes


अगर अपनी मां का दूध पीया है तो सामने आ।

फिल्म:लावारिस (1981) Amitabh Bachchan



एक बाप अगर अपने बेटे की जिंदगी का पहला कदम उठाने में उसकी मदद कर सकता है ... तो वही बेटा अपने बाप के आखिरी कदम उठाने में उसको सहारा क्यों नही दे सकता... ?

फिल्म:बाग़बान (2003) Amitabh Bachchan



जो दरवाज़े पहले से ही खुले हों, वह खट-खटाये नहीं जाते।

फिल्म:नमक हलाल (1982) Amitabh Bachchan



डॉन को पकड़ना मुश्किल ही, नहीं नामुमकिन है।

फिल्म:डॉन (1978) Amitabh Bachchan



ताक़त लोगों को जोड़ने से बढ़ती है, उन्हें खिलाफ करने से नहीं।

फिल्म:सरकार (2005) Amitabh Bachchan



दुनिया के सामने हाथ नहीं जोड़ते, वरना काम निकल जाने के बाद दुनिया वाले हाथ तोड़ देते हैं।

फिल्म:शराबी (1984) Amitabh Bachchan



नजदीकी फायदा देखने से पहले दूर का नुकसान सोचना चाहिए।

फिल्म:सरकार (2005) Amitabh Bachchan



नजदीकी फायदा देखने से पहले दूर का नुकसान सोचना चाहिए।

फिल्म:सरकार (2005) Amitabh Bachchan



फूल खामोश रहकर भी अपने रंग और खुश्बू से बहुत कुछ कह जाते हैं।

फिल्म:सिलसिला (1981) Amitabh Bachchan



मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता।

फिल्म:दीवार(1975) Amitabh Bachchan



ये तुम्हारे बाप का घर नहीं, पुलिस स्टेशन है, इसीलिए सीधी तरह खड़े रहो।

फिल्म:जंजीर(1973) Amitabh Bachchan



सच्चा बहादुर वो होता है जो तूफानी समुन्दर के बीच में जाकर मछली पकड़ने का जाल फेंकता है ... किनारे बैठकर पानी में काँटा डाले मछली के फंसने का इंतजार करने वाले को बहादुर नहीं कहते।

फिल्म:आख़री रास्ता (1986) Amitabh Bachchan



हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है।

फिल्म:कालिया (1981) Amitabh Bachchan

2 comments:

  1. best Amitabh Bachchan Film Dialogue thanks

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    1. thanks for your comment stay with us for more Hindi Film Dialogue

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