Baaghi 4 Film Dialogue Filmy Quotes 2025
कुंडी खटखटाउ और सीधा अंदर आओ।
बचपन में मैं माँ से कहानियाँ सुनता था, एक हीरो की और एक विलेन की... तब नहीं पता था कि मेरी कहानी का हीरो भी मैं ही रहूँगा... और विलेन भी।
जरूरत और जरूरी में फर्क होता है... अलीशा, तुम्हारी जरूरत थी... और मेरे लिए तुम जरूरी थी।
हर आशिक में एक विलेन होता है।
एक दिन सोशल मीडिया पर नहीं रहेंगे तो तुम्हारे अलावा किसी को घंटा फर्क पढ़ने वाला नहीं है...लेकिन सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी नहीं निभाएंगे तो सोसाइटी को जरूर फर्क पड़ेगा।
मोहब्बत में औरत से कोई जीत नहीं सकता... और नफरत में कोई उसे हरा नहीं सकता।
ये जो मर्द होते हैं ना, औरत की जिंदगी को सबसे बड़ी दर्द होते हैं... ये मर्द एक को दिल में रखते हैं, एक को दिमाग में रखते हैं, और एक को घर में रखते हैं... और तुम जैसे को धोखा में रखते हैं।
इज्जत कपड़े उतारने से नहीं जाती... और न ही कपड़ों से आती है... इज्जत तुम्हारी सोच में होती है।
यह जवानी में ना हार्मोन बारी मधुर हारमोनियम बजाते हैं।
नंगे आदमी से ऊपर वाला भी डरता है... पार दूसरा नंगा नहीं।
आदमी की आदत तो बदल सकती है, लेकिन फितरत नहीं।
तेरे जैसा भाई दुनिया में नहीं... लंगोट में ही रहना चाहिए था।
कुछ लोगों को देख के लगता है कि मर क्यों गया नहीं ... और कुछ लोगों को देख के लगता है कि जिंदा क्यों हैं।
मुझे तेरे साथ ऐसे जीना है कि एक जिंदगी भी कम पड़ जाए।
प्यार की एक खास बात है... ये कभी चोरी नहीं हो सकता।
(दिमाग हिला हुआ है क्या तेरा ?) - दिमाग नहीं... दिल।
कुंडी खटखटाउ और सीधा अंदर आओ।
बचपन में मैं माँ से कहानियाँ सुनता था, एक हीरो की और एक विलेन की... तब नहीं पता था कि मेरी कहानी का हीरो भी मैं ही रहूँगा... और विलेन भी।
जरूरत और जरूरी में फर्क होता है... अलीशा, तुम्हारी जरूरत थी... और मेरे लिए तुम जरूरी थी।
हर आशिक में एक विलेन होता है।
एक दिन सोशल मीडिया पर नहीं रहेंगे तो तुम्हारे अलावा किसी को घंटा फर्क पढ़ने वाला नहीं है...लेकिन सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी नहीं निभाएंगे तो सोसाइटी को जरूर फर्क पड़ेगा।
मोहब्बत में औरत से कोई जीत नहीं सकता... और नफरत में कोई उसे हरा नहीं सकता।
ये जो मर्द होते हैं ना, औरत की जिंदगी को सबसे बड़ी दर्द होते हैं... ये मर्द एक को दिल में रखते हैं, एक को दिमाग में रखते हैं, और एक को घर में रखते हैं... और तुम जैसे को धोखा में रखते हैं।
इज्जत कपड़े उतारने से नहीं जाती... और न ही कपड़ों से आती है... इज्जत तुम्हारी सोच में होती है।
यह जवानी में ना हार्मोन बारी मधुर हारमोनियम बजाते हैं।
नंगे आदमी से ऊपर वाला भी डरता है... पार दूसरा नंगा नहीं।
आदमी की आदत तो बदल सकती है, लेकिन फितरत नहीं।
तेरे जैसा भाई दुनिया में नहीं... लंगोट में ही रहना चाहिए था।
कुछ लोगों को देख के लगता है कि मर क्यों गया नहीं ... और कुछ लोगों को देख के लगता है कि जिंदा क्यों हैं।
मुझे तेरे साथ ऐसे जीना है कि एक जिंदगी भी कम पड़ जाए।
प्यार की एक खास बात है... ये कभी चोरी नहीं हो सकता।
(दिमाग हिला हुआ है क्या तेरा ?) - दिमाग नहीं... दिल।
No comments:
Post a Comment